HMPV Virus Prention Tips: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस को लेकर देशभर में चिंता का माहौल है। चीन में इसके बढ़ते मामले लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। भारत में अब तक इसके 8 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर एक साल से कम उम्र के बच्चे हैं
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इसके कारण बच्चों के लिए HMPV को ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि, यह वायरस सिर्फ बच्चों ही नहीं, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए इस वायरस से बचाव (HMPV Virus Prention Tips) करना जरूरी है। आइए इस बारे में डॉ. श्रेया दुबे (सी.के. बिरला, गुरुग्राम में नीयोनेटोलॉजी और पीडाट्रिक्स विभाग में कंसल्टेंट)

HMPV म्हणजे काय? हा विषाणू किती धोकादायक आहे आणि त्याची लक्षणे काय आहेत?
HMPV वायरस से होने वाली रेस्पिरेटरी डिजीज के लक्षण (HMPV Virus symptoms) आमतौर पर फ्लू जैसे होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसे भी हो सकते हैं। इसलिए बच्चों में अलग फ्लू या निमोनिया जैसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत सावधान हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों को क्यों है HMPV से ज्यादा खतरा?
बच्चों में HMPV का खतरा ज्यादा इसलिए होता है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है और वयस्कों की तुलना में उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसलिए इनमें इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।hmpv virus

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इसलिए इस दौरान बच्चों को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अगर बच्चों में खांसी-जुकाम या फ्लू जैसे कोई भी लक्षण नजर आएं, तो इसे हल्के में न लें और फौरन डॉक्टर से जांच करवाएं।
बच्चों को HMPV से कैसे सुरक्षित रखें?
- HMPV से लड़ने के लिए अभी तक कोई स्पेशल वैक्सीन या दवा नहीं है। इसलिए इससे बचाव करना ही इससे निपटने का मूल मंत्र है।
- यह वायरस खांसी के ड्रॉप्लेट्स से फैलता है। इसलिए हाथों और आस-पास की चीजों की सफाई रखना जरूरी है।

- बार-बार साबुन से हाथ धोएं और बच्चों को गंदे हाथों से न छुएं।
- बच्चों के बिस्तर की साफ-सफाई रखें।बीमार लोगों से दूर रहें।
- घर से बाहर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- खांसते या छींकते समय टिश्यू या रुमाल का इस्तेमाल करें।
- घर के अंदर वेंटिलेशन का खास ख्याल रखें।
- फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- भीड़-भाड़ वाली जगह पर न जाएं।
- डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी तरह की दवा न लें।
- बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर, खुद से कोई घरेलू इलाज न करें।