Dhaan Ki Sidhi बिजाई 2024 :दोस्तों आज की इस आर्टिकल में आपको धान की सीधी Bijai यानी डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस धान की सीधी बिजाई करने से क्या फायदे होते हैं किस प्रकार फार्मिंग करना चाहिए 2024 25 में धान की आप सीधी बिजाई कर रहे हैं तो कौन-कौन सी बातों को ध्यान में आपको रखना चाहिए कौन सी बीमारी आ सकती है कौन सा स्प्रे शेड्यूल चलाना पड़ेगा रासायनिक ऑर्गेनिक खादों का कैसा समावेश करके आपको प्रयोग करना चाहिए यानी कुल मिला के सीधी बिजाई धान की सीधी बिजाई विधि से किस प्रकार आपको खेती करनी है संपूर्ण जानकारी उत्पादन लागत लाभ मुनाफा के साथ-साथ जो भी समस्याएं आती हैं संपूर्ण एकदम डिटेल्स के साथ आपको देने वाले हैं।
Dhaan Ki Sidhi Bijai 2024 फायदे:
दोस्तों Dhaan Ki Sidhi 2024 Bijai कम पाणी की आवश्यकता पड़ती है यानी कम पानी में भी फसल तैयार हो जाती है जल्दी तैयार होती है लेबर की झंझट नहीं रहती है कम लागत लगती है नरसरी तैयार करने की जरूरत नहीं है पडलिंग करने की खेत मचाई की आवश्यकता नहीं है अब देखिए खेत एकदम भरने की आवश्यकता नहीं कि बहुत ज्यादा पानी होगा तभी हम प्लांटेशन करेंगे।
ऐसा नहीं इसमें तो सूखे खेत में डायरेक्ट हम सीडल विधि से बुआई करेंगे और प्रॉपर सिंचाई करते रहेंगे यदि बरसात ना हो रही हो तो फिर हम सिंचाई करते रहेंगे इससे ना काफी फायदा होता है यानी एक तो आपको लेबर की बिल्कुल भी झंझट नहीं मजदूर मिल रहा है नहीं मिल रहा है डायरेक्ट खेत की तैयारी करके बुवाई आप कर दीजिए इससे भी काफी बढ़िया तरीके से पैदावार आप निकाल सकते हैं डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस यानी Dhaan की सीधी Bijai ।
वैरायटी Variety
सबसे पहले हम बात कर लेते हैं वैरायटी तो Variety दो प्रकार की होती हैं एक तो हाइब्रिड Dhaan और दूसरी जो बासमती है न नॉन रिसर्चेबल वैरायटी तो यदि हम हाइब्रिड धान की बात करें तो बायो सीट्स की 21 वैरायटी आती है काबरी की 468 वैरायटी है बायर अराइज कंपनी की 6444 गोल्ड वैरायटी आती है V एनआर की 2121 वैरायटी आती है पायोनियर की 28 प 67 वैरायटी आती है जेके सीट्स की जेके आरएच 2609 Variety आती है यह सभी की सभी हाइब्रिड वैरायटी हैं जल्दी तैयार होने वाली किस्में है मोटी धान है
सीधी बिजाई हेतु अनुकूल समय
लेकिन यदि हम रिसर्च धान की बात करें जो पूसा बासमती Dhaan है यदि हम इसकी बात करें तो एक Variety आ है पूसा बासमती 1847 वैरायटी को आप लगा सकते हैं पूसा बासमती 1692 वैरायटी है पूसा बासमती 1886 है पीआर 128 है पीआर 1718 वैरायटी ये भी जो परमल Dhaan है ना पीआर की वो बहुत बढ़िया वैरायटी होती है और बासमती धान को आप लगा रहे तो इन वैरायटी हों को लगा सकते हैं यह सभी की सभी जो Variety हैं दोस्तों इनकी बुवाई आप सीधी Bijai से कर सकते हैं
टाइमिंग
यदि आप Dhaan Ki Sidhi Bijai 2024 करते हैं तो टाइमिंग की बात कर लेते हैं यानी सही समय अनुकूल समय तो इसका जो अनुकूल समय है 20 जून से लेकर के 20 जुलाई के मध्य आपको बुवाई कर देनी चाहिए यानी जो जुलाई का मंथ है ना वो सीधी Bijai के लिए बहुत ही बेहतरीन माना जाता है.
वो इसलिए कि जैसे हम प्लांटेशन करते हैं ना या नर्सरी तैयार करके प्लांटेशन करते हैं तो वो धान बहुत जल्दी बढ़वार लेने लगती है इस धान को हम डायरेक्ट बीज बुवाई करेंगे खेत में फिर वहां से थोड़ा सा गिरो लेने में थोड़ा सा समय लगता है तो इसलिए ज्यादा लेट नहीं करना है समय में बुवाई आपको करनी है यह ध्यान रखें।
Dhaan Ki Sidhi Bijai 2024 खेत की तैयारी
खेत की तैयारी मिट्टी को पलटा वाले हल से बढ़िया तरीके से जुताई करना है ध्यान आपको यह रखना है कि मिट्टी की जो पीएच वैल्यू है यदि 55 से ऊपर है तो फिर 50 किग्रा जिप्सम आप आंख बंद करके प्रयोग करें दो ट्रॉली गोबर की खाद और हाफ ट्राली यदि मुर्गी की खाद मिल जाती है तो फिर पूरे खेत में बिखेर दीजिए और अच्छे तरीके से साफ सफाई और बढ़िया तरीके से मिट्टी को भुरभुरी करा लीजिए।
एक ही कल में यदि आप सीधी Bijai करते हैं और यदि आप बासमती Dhaan की Bijai कर रहे हैं सीधी Bijai से तो 10 किग्रा से लेकर 15 किग्रा सीट्स की रिक्वायरमेंट आपको पड़ने वाली है और यदि आप हाइब्रिड धान की बुवाई कर रहे हैं दोस्तों तो एक एकड़ में आपको 18 किग्रा से लेकर 20 किग्रा तक सीट्स की रिक्वायरमेंट पड़ेगी अब यहां उल्टा हो गया यदि हम नर्सरी तैयार करते एक एकड़ के लिए तो मात्र 6 किग्रा सीट्स की रिक्वायरमेंट पड़ती है तो सीधी बिजाई में थोड़ा सा आपको इतने सीट्स की एक एकड़ में रिक्वायरमेंट पड़ती है।
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बेसल डोज
बेसल डोज बहुत ज्यादा जरूरी है बेसल डोज आपको जो प्राइमरी न्यूट्रिएं है वो आई के समय डीएपी 50 किग्रा लेना है एसएसपी 50 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश 25 किग्रा रीजेंट यदि दीमक की समस्या है तो 5 किग्रा गोबर की खाद दो ट्रॉली इन सभी खादों को मिक्स करना है और आपको एक एकड़ में प्रयोग करना चाहिए।
बीज उपचार
बीज उपचार करना भी बहुत ज्यादा जरूरी है यदि आप लोरस या फिर एवर गोल्ड एक्सटेंड या फिर सीएम 75 कार्ब एंडम थायर से बीज उपचार करेंगे तो फिर अंकुरण में समस्या नहीं आएगी किसी भी हल्की रेंज की जो फंगीसाइड आती है उससे बीज उपचार कर लीजिए.
और एक बैक्टीरिया साइट एंटीबायोटिक आती है ना जो स्ट्रैप्टो साइक्लिन सल्फेट है 15 किलोग्राम बीजों को उपचार आप कर रहा है तो 2 ग्राम की जो स्ट्रेटो साइक्लिन की पुड़िया ती ना उसको मिला कर के आप बीजों को उपचारित करते समय प्रयोग करें बीज उपचार करने से अंकुरण अच्छा होगा और आगे चल के जो समस्या बनती है ना फंगस की उससे भी काफी बढ़िया कंट्रोलिंग मिलने वाली है ।
Dhaan Ki Sidhi Bijai 2024
सीधी Bijai यानी डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस किसको खेती करनी चाहिए डायरेक्ट सोइंग विधि जो है ना किस किसानों को सबसे बेस्ट माना जाएगा जिन किसानों के पास भूमि जो है ना हल्की भूमि है या फिर पानी को कम थोड़ा सा पकड़ के कम रख पाती है या फिर वाटर लीचिंग की समस्या है या फिर कहे पानी की जो साधन है वो थोड़ा सा कम है तो वे किसान भाई स्प्रिंकलर विधि से यानी जो डायरेक्ट सोइंग की विधि है ना यह बढ़िया है उनके लिए यानी जिनके लिए कम पानी है हल्की भूमि है तो उनके लिए डायरेक्ट सोइंग वाली जो विधि है वो काफी बढ़िया विधि मानी जाएगी।
यदि हल्की मिट्टी है और फिर सिंचाई के साधन कम है तो फिर यह विधि एकदम सफिशिएंट है पर्याप्त है बढ़िया है बुवाई देखिए छिटका विधि से भी आप बुवाई कर स लेकिन सीडल विधि से बुवाई करें पंक्ति वाई पंक्ति में बुई करेंगे तो फिर खरपतवार को निकालने में आसानी होगी और सिंचाई करने में भी
आसानी होगी.
जो भी एक्टिविटी है उनको करने में आसानी होने वाली है बाकी सो के खेत में ही आपको बुआई करनी पड़ेगी मल्टी सीडल से भी बुवाई आप कर सकते हैं नॉर्मल सीडिंग जो मशीन है ना उनसे भी आप बुवाई कर सकते हैं कोई दिक्कत की बात नहीं है बाकी आपको पंक्ति वाइज सीडल विधि से ही आपको बुवाई करनी चाहिए।
बुवाई आपको कितने डिस्टेंस पर करना चाहिए
बुवाई आपको कितने डिस्टेंस पर करना चाहिए तो ध्यान से सुनिए और समझिए लाइन से लाइन की दूरी आपको 25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए पौधे से पौधे की दूरी 5 से 6 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और गहराई की बात करें तो 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई पर आपको बुवाई करनी चाहिए.
सिंचाई की बात करें तो यदि बरसात ना हो तो ऐसी कंडीशन पर आपको प्रॉपर इरिगेशन सिंचाई प्रॉपर करनी पड़ेगी यानी थोड़ा सा सिंचाई प्रॉपर करनी पड़ेगी जब वनस्पतिक स्टेज होती है या फिर फ्लावरिंग स्टेज पर दाना भराब के समय आप प्रॉपर दो दोस्तों यदि सिंचाई करेंगे तो फिर जो पैदावार है वो बहुत ही अच्छी आपको मिलने वाली है।
खरपतवार नियंत्रण वीट कंट्रोल
यदि हम बात करें खरपतवार नियंत्रण वीट कंट्रोल तो जो वीट कंट्रोल है यदि मजदूर की मदद से यदि आप यह काम करेंगे तो बहुत अच्छी बात है और यदि मजदूर उपलब्ध नहीं है तो ऐसी कंडीशन पर आप प्री इमर्जेंट हार्ब साइड जो आती है ना प्री इमर्जेंट हार्ब साइड जैसे पैडी मेथली 30 पर ईसी आपको 800 एमए लेना है और इसके साथ एक दवाई और आती है जैसे यूपीएल के साथ ही है 80 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल कर के स्प्रे कब करना है.
जब आपने बुवाई करी है उसी दिन आप बुवाई कर दीजिए इससे फायदा क्या होगा कि जो खरपतवार है उनका अंकुरण उनका जवाब नहीं होगा और खरपतवार उगने से पहले ही एकदम कंट्रोल हो जाएंगे।
लेकिन बात आती है खरपतवार कंट्रोल नहीं हुए या फिर प्री इमर्जेंट हार्ब साइड का स्प्रे आपने नहीं किया ऐसी सिचुएशन पर जब आपकी फसल लगभग लगभग 25 से 27 दिन के आसपास की हो या फिर Dhaan की फसल पर जो खरपतवार हैं तीन से चार पत्ती के खरपतवार दिख रहे हो तब आपको पोस्ट इमर्जेंट हरबसाइड का स्प्रे करना चाहिए.
पोस्ट इमर्जेंट हरबसाइड में यदि हम बात करें तो विस पयरी बैक्स सोडियम जो आती है ना जैसे पीआई कंपनी की नॉमिनी गोल्ड को स्प्रे आप कर सकते हैं पहले सिचाई करनी फिर उसके बाद खरपतवार नाशक का स्प्रे करेंगे तो फिर आसानी से खरपतवार कंट्रोल हो जाएंगे।
खाद का शेड्यूल
अब खाद का शेड्यूल एक अच्छी पैदावार निकालने के लिए बढ़िया उपज के लिए जो Dhaan की फसल है ना इस पर प्रॉपर न्यूट्रिशन मैनेज मेंट बहुत ज्यादा जरूरी है तो खाद का जो शेड्यूल है यदि आप इस प्रकार खेती कर रहे हो जो कि, खाद का शेड्यूल है फर्स्ट खाद 25 दिन के आसपास की फसल होती है बवाई से तो सागरी का दानेदार एक सीवीड एक्स्टेक्स्ट है जो कि वनस्पतिक बढ़वार में बहुत अच्छा काम करता है।
आपको लेना है 5 किलोग्राम सीवीड दानेदार जो आता है ना सागर का दानेदार 5 किलोग्राम माइक्रो न्यूट्रिएंट फर्टिलाइजर्स किसी बेस्ट कंपनी का आप ले लीजिए जिसमें यदि हम जिंक की बात करें जिंक हो आयरन हो कॉपर हो मैंगनीज हो मोली बडे नाम हो इन तत्वों की मात्रा है तो आप जरूर प्रयोग करें तीन किलोग्राम माइक्रो न्यूट्रिएंट और यूरिया और व्र खाद 20 किग्रा इन सभी को मिक्स करके प्रति एकड़ जड़ों के पास दे कर के सिंचाई करना चाहिए।